भोपाल

राज्य सरकार वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए लेखानुदान सोमवार को विधानसभा में पेश करेगी। यह लेखानुदान लगभग सवा लाख करोड़ रू पए का हो सकता है। उप मुख्यमंत्री और वित्त विभाग के मंत्री जगदीश देवड़ा इसे पेश करेंगे।  इस लेखानुदान में सरकार चार माह के आय और व्यय का ब्यौरा रखेगी।

लेखानुदान में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना, किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कर्ज दिए जाने, पार्वती कालीसिंध और चंबल नदी जोड़ो परियोजना के लिए राशि के प्रावधान का जिक्र किया जाएगा।  मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के लिए इसमें प्रावधान किया जाएगा। लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार प्रमुख योजनाओं के लिए प्रावधान करेगी। मेट्रो प्रोजेक्ट, सड़कों के निर्माण, पुलिया पुलों के निर्माण, सीएम राइज स्कूल, विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए आहर अनुदान योजना तथा थार्मिक स्थलों महाकाल ओंकारेश्वर, चित्रकूट, सलकनपुर और ओरछा सहित कई जगह काम कराने का प्रावधान इसमें किया जाएगा। देवड़ा ने कहा, प्रदेश सरकार मोदी की गारंटी पर काम कर रही है।

अंतरिम बजट में सड़क नेटवर्क मजबूत करने, एक्सप्रेस-वे निर्माण को गति देने, औद्योगिक केंद्रों के विकास, स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने संशोधित नीति के अनुरूप अनुदान देने के लिए भी राशि का प्रावधान किया जा सकता है। मुख्य बजट लोकसभा चुनाव के बाद जुलाई में मानसून सत्र के दौरान पेश किया जाएगा। देवड़ा ने बताया कि जो द्वितीय अनुपूरक बजट 30265 करोड़ का था, वह 31 मार्च 2024 तक के लिए है और जो लेखानुदान आज हम पेश करने वाले हैं वह 1 अप्रैल 2024 से 31 जुलाई 2024 तक चार माह के लिए है। देवड़ा ने कहा कि पूर्ण बजट जुलाई में आएगा।

दो पूर्व मंत्री सदन में बिफरे, डंग बोले जहां पर भूमि पूजन किया वहां क्यों नहीं बनाया जा रहा अस्पताल
सोमवार को विधानसभा में दो पूर्व मंत्री अपनी ही सरकार पर जमकर बिफरे। पूर्व मंत्री हरदीप सिंह डंग तो सीतामऊ में सिविल हॉस्पिटल का काम रुकवाने के लिए अड़ ही गए थे, बाद में संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के आश्वासन के बाद वे माने। हरदीप सिंह डंग ने सदन में आरोप लगाया कि सीतामऊ में सिविल अस्पताल के भवन का निर्माण के लिए जिस जगह पर भूमि पूजन किया था, वहां निर्माण नहीं हो रहा है, बल्कि ठेकेदार को उपकृत करने के लिए दूसरी जगह पर अस्पताल बनाया जा रहा है।  

डंग के आरोपों और सवालों पर उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि जहां भूमि पूजन हुआ वह जगह 17 हजार वर्ग फीट है जो छोटी पड़ती। इस भवन के निर्माण में अब तक 75 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। इसलिए अब इसका निर्माण कार्य  नहीं रोका जा सकता है।  इधर पूर्व मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा कि गैरतगंज में डेम बनाए जाने की मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी जो अब तक पूरी नहीं हुई है। इस पर मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि वहां पर डूब क्षेत्र का मापदंड 37 प्रतिशत हो रहा है और नियमानुसार 20 प्रतिशत से ज्यादा डूब क्षेत्र होता हैं तो हम डेम नहीं बन सकते। 

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