चूरू.

तारा नगर तहसील में फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर लाखों रुपये ऐंठने वाली अन्जु शर्मा आखिरकार असली पुलिस के हत्थे चढ़ ही गई। मामला तारानगर का है, जहां पर निकटवर्ती ग्राम देवगढ़ की महिला अन्जु शर्मा पिछले काफी समय से दिल्ली पुलिस की महिला उप निरीक्षक बताकर वीआईपी सुविधा लेने की आदी व बेरोजगार युवक और युवतियों को सरकारी नौकरी में भर्ती कराने के एवज में लाखों रुपये एंठने वाली महिला की साहवा पुलिस ने गोपनीय रूप से जांच करवाई तो असलियत सामने आ गई।

जिला पुलिस अधीक्षक जययादव द्वारा चलाए जा रहे वांछित अपराधियों एवं संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों की धरपकड़ अभियान के तहत राजगढ़ डीएसपी किशोरीलाल, तारानगर डीएसपी रोहित सांखाला और साहवा थानाधिकारी अल्का विश्नोई के नेतत्व में उक्त अभियान चलाया गया था। बताया जाता है कि उक्त नकली और फर्जी दिल्ली की थानाधिकारी आलीशान जीवनयापन करती थी और फर्जी थानेदार बनकर चूरू, हनुमानगढ़, फतेहाबाद, सिरसा, पानीपत के कई युवा और युवतियों को सरकारी नौकरी में भर्ती का झांसा देकर करोड़ों रुपये ठग चुकी हैं। जब इस फर्जी पुलिस अधिकारी की साहवा थानेदार अल्का विश्नोई ने गोपनीय जांच करवाई तो तो शक हुआ और इसको दस्तायाब किया गया। पूछताछ में नकली पुलिस अधिकारी अन्जु शर्मा ने बताया कि वह पिछले तीन साल से दिल्ली में रहकर अपने रिश्तेदारों, परिवारजनों, पड़ोसियों को दिल्ली पुलिस में और अन्य जगहों पर सरकारी नौकरी दिलवाने के नाम करोड़ों रुपये की ठगी कर चुकी है। इस सम्बन्ध में 29 अक्तूबर को ग्राम बनड़ा के महावीर सिंह नाई ने साहवा पुलिस में मामला दर्ज करवाया कि अन्जु शर्मा पुत्री रामचन्द्र जाति ब्राह्मण निवासी देवगढ़ ने स्वयं को दिल्ली पुलिस में उप निरीक्षक पद पर पदस्थापित होने व परिवादी को दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल के पद पर नौकरी देने के नाम 12 लाख 93 हजार रुपये ठग लिए। साहवा पुलिस ने उक्त फर्जी और नकली पुलिस अधिकारी अन्जु शर्मा के खिलाफ धारा 420, 406 और 170 भादस में दर्ज कर लिया है।

गौरतलब है कि उक्त नकली पुलिस अधिकारी अन्जु शर्मा के पास फर्जी आईकार्ड, मोबाइल फोन, दिल्ली पुलिस की युनिफार्म व स्वयं के पुलिस अधिकारी के रूप में फोटोग्राफ और वीडियो भी मिले हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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